घर की चिराग़ तुझ में देखती तू ही मेरी लौ की बाती घर की चिराग़ तुझ में देखती तू ही मेरी लौ की बाती
जिसमे खोये हुये थे और खोये हुये हैं। जिसमे खोये हुये थे और खोये हुये हैं।
तेरी छवि कण कण में बन आई है तुझ पर मन तनी गहराई हैI तेरी छवि कण कण में बन आई है तुझ पर मन तनी गहराई हैI
ठहरी रही नजर तेरे दीदार को पर सजा मुकर्रर तुमने कर ही दिया, ठहरी रही नजर तेरे दीदार को पर सजा मुकर्रर तुमने कर ही दिया,
तेरी तड़प ने हर जगह मुझे बदनाम कर दिया तो मैंने भी तेरी बेवफाई को खुले आम कर दिया। तेरी तड़प ने हर जगह मुझे बदनाम कर दिया तो मैंने भी तेरी बेवफाई को खुले ...
रोज़ अनचाहा घबराहट के साथ, उसके द्वारा अपनी हथेली पर जमा राख़ को धो लिया जाता था, मेर रोज़ अनचाहा घबराहट के साथ, उसके द्वारा अपनी हथेली पर जमा राख़ को धो लिया जा...